महाकुम्भ 2025: प्रयागराज में सनातन धर्म की छटा बिखरी, दो अखाड़ों की धर्म ध्वजा स्थापित
प्रयागराज, 30 दिसंबर। विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन महाकुम्भ 2025 की तैयारियों ने गति पकड़ ली है। सनातन परंपराओं और आस्थाओं के प्रतीक, दो प्रमुख संन्यासी अखाड़ों ने महाकुम्भ क्षेत्र में अपनी धर्म ध्वजा स्थापित की। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती ने विधिवत पूजन और परंपराओं के साथ अपनी धर्म ध्वजा को फहराकर आयोजन का शुभारंभ किया।
नागा संन्यासियों की अगुवाई में हुई धर्म ध्वजा स्थापना
निरंजनी अखाड़े की धर्म ध्वजा नागा संन्यासियों की अगुवाई में स्थापित की गई। अखाड़े की परंपरा के अनुसार, इस प्रक्रिया में कोई भी श्री महंत या बड़ा पदाधिकारी शामिल नहीं हुआ। अखाड़े के संत रविंद्र पुरी ने बताया कि यह सनातन परंपरा का हिस्सा है। आगामी 4 जनवरी को निरंजनी अखाड़ा महाकुम्भ नगर में छावनी प्रवेश करेगा।
श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती की धर्म ध्वजा भी फहराई गई
अखाड़ा क्षेत्र में श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती ने भी अपने 41 फीट ऊंचे ध्वज दंड पर धर्म ध्वजा स्थापित की। अखाड़े के अध्यक्ष स्वामी शंकरानन्द सरस्वती ने बताया कि प्रमुख संतों की उपस्थिति में विधि विधान से यह कार्य संपन्न हुआ। छावनी प्रवेश के बाद अखाड़े के इष्ट देवता को इसी धर्म ध्वजा के नीचे स्थापित किया जाएगा। श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा 6 जनवरी को छावनी प्रवेश करेगा।
त्रिवेणी तट पर महाकुम्भ की तैयारियों का अलौकिक दृश्य
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में महाकुम्भ 2025 की तैयारियों में तेजी आई है। अखाड़ा क्षेत्र सबसे पहले गुलज़ार हो गया है। संतों और नागा संन्यासियों की उपस्थिति से त्रिवेणी के तट पर महाकुम्भ का दिव्य और भव्य रूप आकार लेने लगा है।
महाकुम्भ 2025 में सनातन परंपरा और आस्था के इस भव्य आयोजन ने देश-दुनिया के श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया है।