लखनऊ विकास प्राधिकरण: प्रवर्तन जोन-4 में भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण का अड्डा

लखनऊ। राजधानी के लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में भ्रष्टाचार का ऐसा आलम है कि अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी हैं, और जिम्मेदार अधिकारी इसे रोकने के बजाय राजभोग का आनंद ले रहे हैं। खासतौर पर प्रवर्तन जोन-4 के अवर अभियंता सत्यवीर पर गंभीर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अलीगंज क्षेत्र में अवैध निर्माणों का साम्राज्य खड़ा करवा दिया है।
एलडीए वीसी के आदेशों की हो रही अनदेखी
सूत्रों के अनुसार, एलडीए वीसी (उपाध्यक्ष) के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अभियंता सत्यवीर अवैध निर्माण को रोकने के बजाय बढ़ावा दे रहे हैं। इन निर्माणों में व्यावसायिक इमारतें, रिहायशी अपार्टमेंट और अन्य अवैध प्रोजेक्ट शामिल हैं। इतना ही नहीं, जोनल अधिकारी भी इस पूरे प्रकरण में मूकदर्शक बने हुए हैं।
सत्यवीर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
सत्यवीर, जो पहले प्रवर्तन जोन-1 में तैनात थे, पर पहले भी भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण करवाने के आरोप लगे हैं। अब जोन-4 में भी यही स्थिति है। अलीगंज में बड़े बिल्डरों से मोटी रकम वसूलने और रस मलाई का चढ़ावा लेने के आरोप सत्यवीर पर हैं। इनकी जाँच शासन में चल रही है परन्तु जोड़ जुगाड के दम पर इसने जोन एक में अपनी तैनाती करवा ली थी।
सचिवालय कॉलोनी के पास डॉ. राजीव अग्रवाल की क्लीनिक के पास एक व्यावसायिक इमारत बिना मानचित्र स्वीकृति के बन रही है। इसी तरह, आंचलिक विज्ञान केंद्र के पास भी एक अन्य व्यावसायिक इमारत का अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है। बिल्डरों से मोटी रकम लेकर इन निर्माणों पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है।
जोन-4 में अवैध निर्माण का बोलबाला
सूत्र बताते हैं कि प्रवर्तन जोन-4 में हरियाली का मतलब केवल अवैध निर्माण है। यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। अलीगंज जैसे पॉश इलाकों में अवैध निर्माणों का बढ़ना न केवल क्षेत्र की सुंदरता को बिगाड़ रहा है, बल्कि लोगों के लिए सुरक्षा संबंधी गंभीर खतरे भी पैदा कर रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं की चेतावनी
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने प्रमुख सचिव आवास, मंडलायुक्त और एलडीए उपाध्यक्ष से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही वीसी से मुलाकात करेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगा।
जोन-7 में भी सत्यवीर पर लगे आरोप
सत्यवीर पर यह भी आरोप है कि प्रवर्तन जोन-7 में तैनाती के दौरान उन्होंने दुबग्गा में मछली मंडी के पीछे अवैध हवा महल खड़ा करवाया था। उस दौरान भी किसी प्रकार की जांच नहीं की गई। इतना ही नहीं, उनकी अवैध गतिविधियों में जोन-7 के अवर अभियंता उदयवीर ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
क्या होगी कार्रवाई?
अधिकारियों पर लग रहे गंभीर आरोपों के बावजूद एलडीए में कोई ठोस कदम उठाने का नाम नहीं ले रहा। जनता और सामाजिक कार्यकर्ता सवाल कर रहे हैं कि क्या एलडीए वीसी अभियंता सत्यवीर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे, या फिर भ्रष्टाचार का यह खेल इसी तरह जारी रहेगा?
अब देखना यह है कि एलडीए प्रशासन कब तक इस घिनौने खेल को जारी रहने देता है।