राजस्व मामलों के निस्तारण में लखनऊ अव्वल, जनपदीय न्यायालयों में जौनपुर ने मारी बाजी

लखनऊ, 2 जून 2025 – उत्तर प्रदेश में राजस्व मामलों के त्वरित और पारदर्शी निस्तारण की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों और सतत मॉनीटरिंग का असर अब साफ दिखने लगा है। मई माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (RCCMS) की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी लखनऊ ने प्रदेश में सर्वाधिक 15,137 राजस्व मामलों का निस्तारण कर पहला स्थान हासिल किया है। वहीं जनपद स्तरीय न्यायालयों की बात करें तो जौनपुर ने लगातार बेहतर प्रदर्शन करते हुए बाजी मार ली है।
लखनऊ में सबसे अधिक 15,137 मामले निस्तारित
प्रदेश में मई माह में कुल 3,20,719 राजस्व मामलों का निस्तारण हुआ। लखनऊ में सबसे अधिक 15,137 मामलों का निपटारा हुआ, जो पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा है। जौनपुर 9,945 मामलों के साथ दूसरे और प्रयागराज 9,525 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राजस्व विवादों का समयबद्ध समाधान हो ताकि जनता को त्वरित न्याय मिल सके और प्रशासन में पारदर्शिता बढ़े।
जनपदीय न्यायालयों में जौनपुर शीर्ष पर
जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने मिलकर 563 मामलों का निस्तारण किया, जबकि बोर्ड द्वारा निर्धारित मानक 250 था। इसका प्रतिशत 225.20% रहा, जिससे जौनपुर प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। वहीं सुल्तानपुर ने 549 मामलों का निस्तारण कर दूसरा और गाजीपुर ने 262 मामलों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
जौनपुर के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप तेजी से मामलों का समाधान किया जा रहा है, जिससे आमजन को राहत मिले।”
डीएम न्यायालयों में भी शानदार प्रदर्शन
मई माह में अयोध्या के जिलाधिकारी न्यायालय ने निर्धारित 30 मामलों के मानक के सापेक्ष 69 मामलों का निस्तारण कर 230 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की और प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया। जौनपुर डीएम न्यायालय ने 66 मामलों का निपटारा कर दूसरा तथा मऊ ने 65 मामलों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।
भू-राजस्व मामलों में भी जौनपुर आगे
अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) जौनपुर ने निर्धारित 50 मामलों के सापेक्ष 208 वादों का निस्तारण कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। वहीं गाजीपुर के एडीएम ने 61 और मीरजापुर के एडीएम ने 24 मामलों का निस्तारण कर क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
वित्त एवं राजस्व के मामलों में बाराबंकी और मऊ भी शीर्ष पर
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) जौनपुर ने 146 मामलों का निस्तारण कर 292 प्रतिशत के साथ पहला स्थान पाया। बाराबंकी 138 मामलों के साथ दूसरे और मऊ 114 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
लगातार टॉप पर बना है जौनपुर
गौरतलब है कि जौनपुर पिछले पांच माह से जनपद स्तरीय न्यायालयों में राजस्व मामलों के निस्तारण में टॉप फाइव में बना हुआ है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त निगरानी और जिला प्रशासन की तत्परता का ही परिणाम है कि प्रदेश में राजस्व मामलों का समाधान तेज़ी से और प्रभावी ढंग से किया जा रहा है।
निष्कर्ष:
मुख्यमंत्री योगी की नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक सख्ती ने प्रदेश में न्यायिक व्यवस्था को अधिक सक्षम और उत्तरदायी बनाया है। इसका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है, जिससे न केवल न्याय सुलभ हुआ है, बल्कि प्रशासनिक कार्यशैली में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।



